हॉकी खेल( HOCKEY PLAY)

 *हमारा खेल-संसार*

डॉ दीपक प्रसाद

सहायक आचार्य

(कार्तिक उरांव कॉलेज गुमला)

रांची विश्वविद्यालय रांची, झारखंड

खेल हॉकी

हॉकी का खेल हमारे देश में इंग्लैंड से आया है परंतु अब यह इतना ज्यादा लोकप्रिय हो चुका है कि इसकी गिनती भारत के राष्ट्रीय खेलों में की जाने लगी है।


पूरी दुनिया भर में प्रसिद्ध खिलाड़ी ध्यानचंद को हॉकी का जादूगर कहा जाता है। उनके भाई रूप सिंह का नाम भी एक बहुत अच्छे खिलाड़ी के रूप में विश्व प्रसिद्ध हुआ। इनके अलावा किशन लाल, पंकज गुप्ता, बलवीर सिंह, पृथ्वीपाल, हरिपाल, पीटर, जोगिंदर, आदि हमारे देश के मशहूर खिलाड़ी रहे हैं।


अगर मैं झारखंड की बात करूं तो झारखंड के सपूत जयपाल सिंह मुंडा (3 जनवरी 1903/ 20 मार्च 1970) भारतीय आदिवासियों के और झारखंड आंदोलन में सर्वोच्च भूमिका निभाने वाले एक जाने माने राजनीतिज्ञ, पत्रकार, लेखक, संपादक, शिक्षाविद और ऑक्सफोर्ड ब्लू की खिताब पाने वाले हॉकी के एकमात्र अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी रहे हैं। जिनकी कप्तानी में 1928 के ओलंपिक में भारत ने पहला स्वर्ण पदक प्राप्त किया। भारत ने सन 1928 से 1956 तक लगातार 10 बार ओलंपिक में चैंपियन होने का गौरव प्राप्त किया है। इसके बाद सन 1964 में टोक्यो ओलंपिक खेलों में भारत ने फिर से चैंपियनशिप पाई। इसके 11 साल बाद सन 1975 में भारत की हॉकी टीम ने विश्व कप जीता। इसके बाद से ही भारत में हॉकी खेल के प्रति रुझान गिरता चला गया।


इस खेल में हर टीम में 11-11 खिलाड़ी होते हैं और एक कप्तान।

महिलाओं की हॉकी में खेल के नियम पुरुषों की अपेक्षा अलग होते हैं। महिलाओं के हॉकी मैच में यदि खिलाड़ी को चोट लग जाए तो दो खिलाड़ियों को बदलने का प्रावधान है, पर पुरुषों के हॉकी मैच में यह प्रावधान नहीं रखा गया है।

*हॉकी के मैदान* की बनावट 100 गज लंबा तथा 60 गज चौड़ा होता है। इस खेल में खिलाड़ी 

कमीज, निकर, जुराबें, और बिना कील या धातु लगे जूते पहनते हैं। गोलकीपर दस्ताने पैड भारी बूट और चेहरे की रक्षा के लिए हेलमेट का प्रयोग करते हैं।


*हॉकी का समय* 

35 - 35 मिनटों की दो पारियों में खेली जाती है। इन पारियों के बीच 5 से 10 मिनट का अंतराल रखा जाता है खिलाड़ियों को आराम करने के लिए। शुरू में दोनों टीमों के कप्तान सिक्का उछाल कर यह फैसला करते हैं की किस टीम को पहले कौन सा पाले में या साइड जाना है। इस चयन प्रक्रिया के बाद मैदान के बीचों-बीच गेंद रखकर खेल की शुरुआत करने के लिए गेंद में हिट लगाई जाती है।

हॉकी लकड़ी की बनी होती है और उस पर कपड़े की पट्टी लिपटी होती है। हॉकी का निचला हिस्सा चिपटा भाग 2 इंच से कुछ कम होता है। पुरुषों की हॉकी का अधिकतम वजन 28 ओंस और महिलाओं की हॉकी का वजन 23 ओंस होता है।(1ओंस=28•35g) हॉकी की गेंद कार्क और मजबूत सुतली की बनी होती है और गेंद का वजन 6 ओंस होता है।

*गोल*: 

जब गेंद गोल लाइन को पूरी तरह पार कर जाती है तो गोल हुआ माना जाता है। यह भी जरूरी है की गोल करने वाला खिलाड़ी गेंद को गोल घेरे के अंदर ही हिट करें। यदि दूर से आती गेंद गोल कीपर की स्टिक से लग कर गोल लाइन पार कर जाए तो भी गोल माना जाता है। गोल हो जाने के बाद खेल दोबारा खेल मैदान के बीच से शुरू होता है।


*हॉकी खेल के फायदे*

हॉकी एक कम खर्चीला और बहुत लाभदायक है। इसमें खिलाड़ी को तेज दौड़ना पड़ता है जिससे उसके फेफड़े और पैर मजबूत होते हैं। हाथ में हॉकी का प्रयोग करने से हाथों की शक्ति बढ़ती है। खेल में गेंद पर सदा नजर जमाए रखना जरूरी होता है इससे खिलाड़ियों की नजरें तेज होती हैं। विरोधी पक्ष के खिलाड़ियों के बीच से गेंद निकालने की कोशिश करने से शारीरिक गतिविधि तेज होती है स्फूर्ति और दिमाग में चुस्ती आती है। अपनी टीम में खिलाड़ियों का सहयोग लेने अपने कप्तान और अंपायर की आज्ञा का पालन करने से खिलाड़ी में आपसी सहयोग और अनुशासन की भावना बढ़ती है। इस प्रकार यह एक ऐसा सस्ता खेल है जो शरीर और मस्तिष्क दोनों की शक्तियों एवं गुणों को बढ़ाता है। इस खेल से खिलाड़ी की समाज और शिक्षण संस्थानों में मान सम्मान इज्जत बढ़ती है। आजकल अच्छे खिलाड़ियों को प्रशिक्षण देने के लिए कई सारे संस्थान खुल चुके हैं, और खिलाड़ियों के लिए आज की सरकारें भी आगे आ रही हैं स्कूल कॉलेजों में खेल को बढ़ावा देने के लिए ट्रेनिंग दी जा रही है। आज के समय हमारे देश को अच्छे हॉकी खिलाड़ियों की जरूरत है इसलिए हम सबों को आगे आना चाहिए अपने बच्चों को प्रोत्साहित करना चाहिए खेल के प्रति और उसकी जिजीविषा को जगाना चाहिए इससे वह खुद भी धन और प्रसिद्धि पा सकते हैं तथा देश का नाम खेलों की दुनिया में ऊंचा उठा सकता है।



डॉ दीपक प्रसाद

सहायक आचार्य

8935984266


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